व्हाट्सएप ग्रुप भी बड़े मज़ेदार होते हैं इसका एहसास मुझे अभी बीते कुछ दिनों से हो रहा है। मैं बहुत ज़्यादा ग्रुप में शामिल नहीं हूँ और जहाँ हूँ वहाँ बस तमाशा देखता रहता हूँ। बक़ौल ग़ालिब होता है शबोरोज़ तमाशा मेरे आगे।
इसमें से एक ग्रुप है मेरे स्कूल के साथियों का। और इसमें क्या धमाचौकड़ी होती है। व्हाट्सएप पर लड़ाई ग्रुप छोड़ दिया और फ़िर वापस। उसके बाद फ़िर लड़ाई और फ़िर वापस। मतलब ये लॉकडाउन में सब घर में बैठे हैं और बीवियों से कोई पंगा लेने की हिम्मत नहीं कर सकता तो सब इस ग्रुप में निकल जाता है। और सब बातें ऐसे करते हैं जैसे सामने बैठे हों। मतलब सब बातें बिना किसी लाग लपेट के। कुछ लोग समय समय पर ज्ञान देते रहते हैं। कुछ समय सब ठीक और उसके बाद फ़िर से वापस हंगामा। लेकिन सब होने के बाद वापस वैसे ही जैसे दोस्त होते हैं। शायद यही इस ग्रुप की ख़ासियत है। कोई किसी को कुछ बोल भी देता है तो माफ़ी माँगो और आगे बढ़ो। दिल पे मत ले यार।
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सबको ऐसे ऐसे नामों से बुलाया जाता है। सही कहूँ तो इन सबकी बातें पढ़कर कई बार हंसी भी आती है और लगता है अभी हम जिस स्थिति में है उसमें सब साथ हैं। कुछ हंसी मज़ाक और कुछ नाराज़गी सब चलता है। लेकिन ग्रुप में सब एक दूसरे की मदद भी बहुत करते हैं। किसी को अगर नौकरी बदलनी है तो वहाँ भी सब आगे और किसी को दूसरे शहर में कुछ मदद चाहिये तो सब जैसे संभव हो मदद करते हैं।
ग्रुप के सदस्य दुनिया में अलग अलग जगह पर हैं तो इस समय के हालात पर भी जानकारी का आदान प्रदान भी चल रहा है। जो लोग इस समय बार नहीं जा पा रहे वो घर से अपनी शामों की तस्वीरें शेयर कर रहे हैं। कुल मिलाकर स्कूल की क्लास ही छूटी है बाकी सब वैसे ही चालू है।
इनमें से शायद 98% लोगों से मेरी स्कूल छोड़ने के बाद कोई बातचीत भी नहीं हुई। एक मित्र से बात हुई थी पिछले दिनों जिसका बयां मैंने अपनी पोस्ट में किया था। जी वही टिफ़िन वाली पोस्ट। एक बात शायद आपको बता दे की ग्रुप में क्या होता है – मेरा ये स्कूल सिर्फ़ लड़कों के लिये था। अब आप अंदाज़ा लगा सकते हैं…
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जब भी कोई भोपाल में स्कूल जाता है तो ज़रूर सबको बताता है। जो भोपाल में हैं वो भी कभी कभार स्कूल का चक्कर लगा लेते हैं। अगर उनको कैंटीन के समोसे खाने को मिल गये तो सबको जलाने के लिये उसकी फ़ोटो शेयर करना नहीं भूलते। सही में आंटी के उन समोसों का स्वाद कमाल का है और आज भी वैसा ही स्वाद। अगली भोपाल की यात्रा में इसके लिये समय निकाला जायेगा।
अब ये लॉकडाउन के ख़त्म होने का इंतज़ार है। क्या आप भी ऐसे ही किसे ग्रुप का हिस्सा हैं? क्या ख़ासियत है इस ग्रुप की?