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मैं कुछ लिखूँ, वो कुछ समझें ऐसा नहीं हो जाये

फेसबुक या ट्विटर आपको हर साल ये याद दिलाते रहते हैं की आपको उस प्लेटफार्म पर कितने समय से हैं। फेसबुक एक कदम आगे जाकर आपको अपने सभी दोस्तों के साथ कितने साल हो गये ये भी दिखाता है। लेकिन इन सबसे पहले मैंने और शायद मेरी तरह आपने भी ईमेल का इस्तेमाल शुरू किया था। इसका ठीक ठीक समय तो याद नहीं लेकिन पिछले दिनों इतिहास के पन्ने मजबूरी में पलटने ही पड़े।

ईमेल आ रहे थे की एकाउंट में अब जगह नहीं है। नई मेल आना बंद हो जायेंगी। दो ही विकल्प थे – या तो पुरानी मेल डिलीट करूँ या और जगह बनाने के लिये पैसा दूँ। जबसे एक मेल एकाउंट से सभी चीज़ें – जैसे फ़ोटो वीडियो सेव होने लगे हैं तबसे जगह निश्चित ही एक समस्या बन गयी है। पहले तो लोग मेल भी लिखते थे तो लंबी मेल हुआ करती थीं। लेकिन धीरे धीरे उन मेल में फ़ोटो, वीडियो आदि आने लगे तो ज़्यादा जगह जाने लगी।

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इस समस्या का दूसरा पहलू तब दिखा जब मैं पुरानी ऐसी मेल हटाने लगा जिनको उसी समय डिलीट कर देना चाहिये था जब वो आईं थीं। लेकिन शायद उस समय ये नहीं सोचा था की एक दिन 15GB की जगह भी कम पड़ जायेगी। आज देखिये तो आपके हाँथ में जो फ़ोन है वो ही 128GB की मैमोरी के साथ आता है। इसलिये अब मेल आती है तो उसी समय उसके भविष्य का फ़ैसला हो जाता है। अगर दिन मैं 100 मेल आते हैं तो उसमें से बमुश्किल 10-15 ऐसी होते हैं जिनकी भविष्य में कोई आवश्यकता पड़ेगी।

बाक़ी बची मेल पर फ़टाफ़ट फ़ैसला और आगे के सिरदर्द से छुटकारा। इस पूरी कसरत में कई 15 से ज़्यादा पुरानी मेल पढ़ने को मिली। सच में उस समय चिट्ठी की जगह मेल ने ले ली थी। लेक़िन हम लोग बाकायदा बड़ी मेल ही लिखते थे। मेरे पहले बॉस नासिर साहब की कई मेल भी मिली जिसमें उन्होंने मुझे कई बातें समझाईं। उन पुराने आदान प्रदान को पढ़कर एक अजीब सा सुकून भी हुआ।

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मुझे याद आया मेरा पहला ईमेल एकाउंट जिसे मैंने रेडिफ पर शुरू किया था। उसके बाद याहू और बाकी जगह। शुरू वाले एकाउंट तो बहुत से कारणों से बंद हो गये और कई दिलचस्प मेल इसलिये अब पास में नहीं हैं। इसका मुझे ज़रूर अफ़सोस रहेगा। लेक़िन जो है उसके लिये भी शुक्रगुज़ार हूँ। जगह बन तो गयी लेक़िन इसी बहाने एक बढ़िया यादों का सफ़र भी तय हो गया। क्या क्या छुपा रखा था इस मेल एकाउंट में ये शायद पता भी नहीं चलता।

अब ऐसी नौबत कब आती है पता नहीं। लेक़िन जगह बनाने की इस पूरी प्रक्रिया को दोहराने में कोई परेशानी नहीं होगी ये पक्का है।

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