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हम देखें ये जहाँ वैसे ही, जैसी नज़र अपनी

लॉकडाउन शुरू हुआ तो बहुत से लोगों को ये लगा की ये एक स्वर्णिम अवसर है कुछ करने का। मेरा भी ऐसा ही मानना था – मेरे लिये नहीं क्योंकि मेरा रूटीन इससे पहले भी ऐसा ही था और इसमें कोई भी बदलाव नहीं हुआ है। लेकिन उन लोगों के लिये एक बड़ा बदलाव ज़रूर आया जिनको अब घर से काम करना पड़ रहा है। उनके पास थोड़ा ज़्यादा समय है जब वो कुछ और कर सकते हैं। मसलन कुछ नया सीख सकते हैं या कुछ नया कर सकते हैं या लिस्ट बना कर वो सारी वेब सीरीज़ देख लें जो किसी न किसी कारण से नहीं देख पाये थे।

इस \’कुछ करो अब तो टाइम भी है\’ कैंपेन के चलते जो नुकसान हुआ उसपर किसी की नज़र भी नहीं गयी। शायद मेरी भी नहीं। हम सभी जो ये ज्ञान दे रहे थे की कुछ और करो, नया सीखो, लिखो, पढ़ो, देखो के चलते बहुत से लोग इस अनावश्यक द्ववाब में भी आ गये। उसपर ऐसे मैसेज चलने लगे जो यही कह रहे थे कि अगर अब भी आपने कुछ नहीं किया तो धिक्कार है आपके जीवन पर।

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लेक़िन ये उतना ही गलत था, है तब जब आप लॉक डाउन में नहीं थे। बल्कि इस समय ये और ग़लत है। कैसे?

जब सब कुछ ठीक ठाक था तब आप घर से बाहर निकल सकते थे। एक रूटीन था। हर चीज़ का समय बंधा हुआ था। उसमें आपके स्वास्थ्य की देखभाल भी शामिल था और आपकी हॉबी के लिये भी समय था। लेकिन अब सब बदल गया था। आपको अपना रूटीन घर के अंदर ही फॉलो करना है और उसपर घर के सभी काम भी करने हैं। निश्चित रूप से घर के सभी सदस्य इसमें योगदान कर रहे होंगे लेकिन अब वो समय की पाबंदी खत्म है।

मैं जब मुम्बई की भीड़ का हिस्सा था तो सुबह 7.42 की लोकल पकड़ना एकमात्र लक्ष्य रहता था। उसके लिये तैयारी करीब डेढ़ घंटे पहले से शुरू हो जाती थी। जब ये बाध्यता खत्म हो जाये तो? कुछ वैसा ही ऑफिस से वापस आने के समय रहता था। लेक़िन अब तो सब घर से है तो 6 बजे की मीटिंग अगर 7 बजे तक खिंच भी गयी तो क्या फ़र्क़ पड़ता है।

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लेक़िन इसके चलते बाक़ी सभी काम का समय जो है वो उसी समय होना है। परिवार के अन्य सदस्य होंगे जिनका भी ख्याल रखना हैं। ये मान लेना की आप घर से काम कर रहे हैं तो आपके पास ज़्यादा समय होगा सबसे बड़ी ग़लती है। आपका ऑफिस जाने के समय में बचत ज़रूर हुई है लेक़िन आप घर से ज़्यादा काम करते हैं। उसपर घर के भी कुछ न कुछ काम रहते हैं।

दरअसल घर से काम करना इतना आसान है ही नहीं। ये सुनिश्चित करना कि सब ठीक से हो उसके लिये बहुत नियमों का पालन करना होता है। इसमें इंटरनेट से लेकर कमरे की उपलब्धता शामिल है। इसको लेकर बहुत ही शानदार मिमस भी बने हैं।

इसलिये अगर आप इस दौरान कुछ नया नहीं सीख पाये या पढ़ पाये तो कोई बात नहीं। आप इसका बोझ न ढोयें। इस समय ज़रूरी है कि आप अपनी क्षमता अनुसार जितना कर सकते हैं उतना करिये। आपके पास इस समय वैसे ही कामों की लंबी लिस्ट है और उसमें अगर कुछ सीखने सीखना वाला काम नीचे है तो उसे वहीं रहने दे। जब उसका समय आयेगा तब उसको भी देख लीजियेगा।

आप जिन मोर्चों पर डटे हैं उन्हें संभाल लीजिये। ऐसा कहा भी गया है की जब शिष्य तैयार होगा तो गुरु प्रकट हो जायेंगे।

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