ये नये शब्द का जादू ही कुछ और होता है। इसका अगर आपको सबसे अच्छा उदाहरण देखना हो तो किसी छोटे बच्चे को देखें। जब वो बड़ा हो रहा होता है तो उसके लिये हर चीज़ नई। और जब वो चलना सीख रहा होता है तो उसका उत्साह देखते ही बनता है। दो पैरों पर पहले धीरे धीरे चलना, फ़िर दौड़ना, गिरते रहना लेकिन फ़िर उठना और फ़िर से चलना और दौड़ना।
कल रात घड़ी ने 11.59 के बाद जब 12.00 का समय दिखाया तो हम सिर्फ एक नये दिन, एक नये महीने में ही नहीं बल्कि एक पूरे नये वर्ष में भी प्रवेश कर गये। कहने को तो सिर्फ एक दिन ही बदलता है लेकिन ये \’नया\’ शब्द हम सब में एक नई उम्मीद, एक नई आशा जगा देता है।
इस वर्ष आपके अनुभव जैसे भी हों, अविस्मरणीय हों और हम सब थोड़े ही सही लेकिन एक बेहतर इंसान बनें, ऐसी शुभकामनाएं आप सभी के लिये।
अच्छा लेख।
धन्यवाद रेखा जी