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चाय पर चर्चा कोई जुमला नहीं है

दिल्ली में इन दिनों कड़ाके की ठंड पड़ रही है। चूंकि मेरा इस ठिठुरती ठंड से सामना पूरे 15 साल के लंबे अरसे बाद हो रहा है तो और भी ज़्यादा मज़ा आ रहा है। ऐसी ठंड में अगर कोई आग जलाकर बैठा हो तो उसके इर्दगिर्द बैठने का आनंद कुछ और ही होता है। उसमें अगर आप एक कप गरमागरम कप अदरक की चाय और जोड़ दें तो ठंड का मज़ा कई गुना बढ़ जाता है।

चाय पीने के सबने अपने अपने तरीके होते हैं। कुछ लोग बिलकुल गरमागरम पतीली से निकली हुई चाय पसंद करतेे हैं तो कुछ उसको ठंडा कर पीना। दिल्ली के जिस इलाके में मैं इन दिनों रहता हूँ वहाँ कुल्हड़ में चाय पिलाने वाले कई ठिकाने हैं। सबका अपना अपना स्वाद है। हाँ वैसे सौंधी सौंधी खुशबू वाले कुल्हड़ नही हैं।

आजकल तो अजीबोगरीब चाय पिलाने वाले ठिकाने भी खुले हुए हैं जो पता नहीं कितनी ही विचित्र तरह की चाय पिलाते हैं। लेकिन जो स्वाद टपरी चाय का होता है वैसा कहीं नहीं। जब मुम्बई PTI में नाईट शिफ्ट हुआ करती थी तो अक्सर रात की आखिरी लोकल छूट जाती थी और रात ऑफिस में ही गुज़ारनी पड़ती थी।

मुझे शुरू से आफिस में सोना पसंद नहीं था। बस दो कुर्सी जोड़कर आराम से सुबह 4 बजने का इंतज़ार करते और पहली लोकल से चेम्बूर वापस। जिस समय मेरी घर वापसी होती उस समय बहुत से लोगों के दिन की शुरुआत हो रही होती। चेम्बूर स्टेशन के बाहर एक चाय बनाने वाला सुबह सुबह कमाल की चाय पिलाता। जब भी नाईट शिफ्ट से वापस आता तो उसके पास कभी एक तो कभी दो कप चाय पीकर फ्लैट पर वापस आता।

दिल्ली की सर्दियों में उसकी वो अदरक की कड़क चाय की आज ऐसे ही याद आ गयी। आपकी आदतें कैसे बदलती हैं चाय इसका अच्छा उदाहरण है। जैसे मेरी चाय का स्वाद मेरी पत्नी अब बखूबी समझ गयी है और मुझे भी कुछ उनके हाथ की चाय की ऐसी आदत लग गयी है कि कहीं बाहर जाते हैं तो वो जुगाड़ कर किचन से मेरी पसंद की प्याली मुझ तक पहुंचा देती हैं।

अगर आपने इंग्लिश विंग्लिश देखी हो तो उसमें श्रीदेवी अपनी चाय की प्याली और अखबार से सुबह की शुरुआत करती हैं। बहुत से घरों में ऐसा ही होता है। मैं ऐसे जोड़ों को जानता हूँ जो सुबह की पहली चाय का आनंद अखबार के पीछे नहीं बल्कि साथ में बैठ कर बातचीत कर लेते हैं। अगर चाय का प्याला हो और बातचीत न हो तो चाय का स्वाद कुछ कम हो जाता है। जैसे उस शनिवार की रात जनार्दन, आदित्य और मेरी बातचीत जो शुरू हुई चाय के प्याले पर और खत्म हुई गाजर के हलवे के साथ। चाय पर चर्चा कोई जुमला नहीं है!!!

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