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असीमित संभावनाओं से भरा हुआ हो २०१८

जब आप कोई काम रोज़ कर रहे हों और अचानक वो बंद करदें तो फिर से शुरुआत करने में थोड़ी मुश्किल ज़रूर होती है। मेरी हालत उस बहु जैसी है जो कुछ दिनों के लिए मायके होकर आयी है और ससुराल लौटने पर वही दिनचर्या उसका इंतज़ार कर रही है। लेकिन अच्छी बात ये है कि आज साल का लेखा जोखा लिया जा रहा है और इसी वजह से मेरे लिए यादों के इस काफ़िले को आगे बढ़ाना थोड़ा आसान हो गया है।

1 जनवरी 2017 के बाद इस साल जो बहुत कुछ घटित हुआ इसका न तो कोई अनुमान था न कोई भनक। कुछ बहुत अच्छी बातें हुईं इस साल। जो कुछ मन माफिक नहीं हुआ उसको मैं इसलिए बहुत ज़्यादा महत्व नहीं दे रहा क्योंकि इस साल बहुत लंबे अंतराल के बाद मैंने लिखना शुरू किया। मेरे लिए इससे बड़ी उपलब्धि कोई नहीं है। और ये इस साल की ही नहीं पिछले कई वर्षों की उपलब्धि कहूँगा।

ये की मैं ये पोस्ट मुंबई में नहीं बल्कि दिल्ली में बैठ कर लिखूंगा इसके बारे में दूर दूर तक कुछ नहीं मालूम था। आज जब ये लिख रहा था तो ये खयाल आया कि अगर ये मालूम होता तो क्या मैं कोई जोड़ तोड़ करके मुम्बई में ही बना रहता और दिल्ली के इस सफ़र पर निकलता ही नहीं। शायद कुछ नहीं करता क्योंकि अगर यहां नहीं आता तो कलम पर लगे बादल छंट नहीं पाते और विचारों का ये कारवाँ भटकता ही रहता। ये नहीं कि इसको मंज़िल मिल गयी है, लेकिन एक राह मिली जो भटकते मुसाफिर के लिये किसी मंज़िल से कम नहीं है।

पीछे मुड़ के देखता हूँ तो हर साल की तरह ये साल भी उतार चढ़ाव से भरा हुआ था। और सच मानिये तो अगर ये उतार चढ़ाव न हों तो जीवन कितना नीरस हो जाये। जो कुछ भी घटित हुआ मन माफ़िक या विपरीत, कुछ सीखा कर ही गया। हाँ इस साल बहुत नए लोगों से मिलना हुआ। कुछ बिल्कुल नए और कुछ पुराने ही थे जो नए लिबास में सामने आए। वैसे मुझे ये मिलने जुलने से थोड़ा परहेज़ ही है क्योंकि अक्सर मैं सच बोल कर सामने वाले को शर्मिंदा कर देता हूँ और बाद में खुद को कोसता हूँ कि क्यों अपनी ज़बान को लगाम नहीं दी।

वैसे ऐसी ही समझाईश मुझे फेसबुक पर लिखने के लिए भी मिली। क्यों मैं गड़े मुर्दे उखाड़ रहा हूँ। क्यों मैं चंद लोगों की लाइक के लिए ये सब कर रहा हूँ। हाँ ये सच है लिखने के बाद देखता हूँ कि प्रतिक्रिया क्या आयी लेकिन उसके लिए लिखता नहीं हूँ।

तो बस इसी एक प्रण के साथ कि इस वर्ष कलम को और ताक़त मिले और बहुत सी उन बातों के बारे में लिख सकूँ जो बताई जाना जरूरी हैं, आप सभी को नूतन वर्ष की ढेरों शुभकामनाएं। हम सभी के लिए है 2018 कें 365 दिन जो भरे हुए हैं असीमित संभावनाओं से।

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