कुछ दिनों पहले आलिया भट्ट का एक इंटरव्यू पढ़ा था जिसमें उन्होंने बोला था उन्हें इस बात की चिंता रहती है की लोग उन्हें किसी भी कारण से नापसंद न करें। मुझे ये बीमारी तो नहीं है लेकिन कई पोस्ट इसलिये आप तक नहीं पहुँच पाती क्योंकि लगता फलाँ व्यक्ति को बुरा लग जायेगा (ये इस उम्मीद के साथ की जिस शख़्स के बारे में लिखा है वो मेरी पोस्ट पढ़ेगा ही)। वैसे ऐसा एक भी बार नहीं हुआ है। हाँ बाकी लोगों ने ज़रूर इस बारे में कहा सिवाय उस व्यक्ति के। जैसा की आजकल का चलन है हम फेसबुक पर अभी भी मित्र हैं और उन्होंने मुझे व्हाट्सएप पर मैसेज भेजना भी बंद नहीं किया है। जब लिखना शुरू किया था तो कई लोगों को मेरी कहानी के किरदार पता थे। नहीं होते तो वो पता लगाने की कोशिश करते की कौन है।
जैसे इस पोस्ट की कहानी कुछ और ही चल रही थी लेकिन मैंने इसे बदल ही दिया। अपने घर से निकाले जाने का दुख जीवन में किसी को कभी न भोगना पड़े। मैंने भोगा है और आज उसी के इर्दगिर्द कहानी बुनी थी लेकिन समय रहते उसे बदल दिया। दरअसल इसका रिश्ता कश्मीर से निकाले गये उन परिवारों से है जो रातों रात अपनी जान बचाते हुये भारत के कई हिस्सों में पहुँचे। उनमें से एक परिवार भोपाल भी पहुँचा और उनकी बिटिया मेरी श्रीमती जी की कक्षा में ही पढ़ती थी। उसने अपनी कहानी उन्हें सुनाई थी और अभी जो कश्मीर में उठापटक हो रही है तो श्रीमती जी को उसकी याद आयी और उन्होंने मुझसे उस कश्मीरी लड़की की कहानी साझा करी।
मेरा कश्मीर जाना एक बार हुआ है। वैसे तो कश्मीर की खूबसूरती ही यात्रा को यादगार बनाने के लिये काफी है, मेरी यात्रा इसलिये कभी न भूलने वाली बन गयी क्योंकि हम भोपाल से कार से इस यात्रा पर निकल पड़े थे। उन दिनों कोई गूगल मैप नहीं था। बस रोड मैप और सड़क पर लगे साइनबोर्ड से इसको अंजाम दिया था। पिताजी ने बहुत गाड़ी चलाई है लेकिन हम दोनों को ही घाट पर गाड़ी चलाने का अनुभव नहीं था। आज जब उस यात्रा के रोमांच के बारे में सोचते हैं तो बस ये लगता है एक बार फिर से इसे दोहराया जाये।
आज कश्मीर से जो जुड़ाव है वो आमिर सलाटी की बदौलत है। आमिर खेल के ऊपर लिखते हैं और क़माल का लिखते हैं। हम बीच बीच में संपर्क में रहते हैं। वो मुझे कश्मीर बुलाते रहते हैं और लालच के लिये वो खूबसूरत वादियों की तस्वीरें, बर्फ़ से ढँकी अपनी गाड़ी और दालान की फ़ोटो भेजते रहते हैं। वो मुम्बई आये थे लेकिन मुम्बई की ये भागदौड़ और कश्मीर की वादियों में से किसकी जीत हुई ये जानना बहुत आसान है। देखें आमिर से फ़िर रूबरू कब मिलना होता है।