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क्या सोचते हैं लोग आपके बारे में

पिछले दिनों रिलीज़ हुई फ़िल्म ठग्स ऑफ हिन्दोस्तां बॉक्सऑफिस पर ढ़ेर हो गयी। और ऐसी ढ़ेर की अब उसकी मिसाल दी जायेगी। लेकिन इस फ़िल्म की विफलता दरअसल एक बहुत बड़ी सीख दे गई जो है तो बहुत पुरानी लेकिन आज भी उतनी सही।

कान के कच्चे कहावत आपने सुनी होगी। लोग आपके बारे में क्या सोचते हैं। हम अपने जीवन का एक बहुत लंबा समय इसी सोच में लगा देते हैं। मसलन मैंने अगर अच्छे कपड़े पहने हैं और अगर मुझे एक भी वाह वाह नहीं मिली या मेरी किसी पोस्ट को किसी ने पसन्द नहीं किया तो मैं दुखी। दुखी इसलिए कि सामने वाले ने मेरे प्रयास को सराहा नहीं।

ऐसा इसलिये की हम शुरू से ही ऐसी सोच बना लेते हैं कि अगर कोई तारीफ़ करे, वो भले ही झूठी हो, तभी सब अच्छा है। हमारे आसपास ऐसा ही माहौल रहता है। इसका ये मतलब कतई न निकालें की किसी की झूठी तारीफ़ न करें। पतियों के लिए फ़िर तो जीना मुश्किल हो जायेगा।

हम चाहते हैं कि समाज या उसमे रहने वाले लोग हमें अपनाये लेकिन उनकी शर्तों पर। और हम हर बार ये शर्त मान लेते हैं बिना किसी सवाल के। इस पूरे प्रकरण से मुझे कोई परेशानी नहीं। लेकिन तब परेशान हो जाता हूँ जब हम अपने काम दूसरे लोगों के हिसाब से करने लगते हैं क्योंकि उसके करने से सब खुश होते हैं और हम भी उसमे ही अपनी खुशी तलाशते हैं।

आप में से कितने लोगों ने ठग्स ऑफ हिन्दोस्तां सिनेमाघरों में जाकर देखी और फ़िर अपनी राय बनाई? जितने लोगों से मुझे फ़िल्म के बारे में सुनने को मिला वो ठीक ठाक ही था। लेकिन जिस तरह का कैंपेन फ़िल्म के खिलाफ चलाया गया लगा उससे बुरी फ़िल्म तो बनी ही नहीं है। लेकिन लोग अपने मिशन में कामयाब रहे – फ़िल्म के ख़िलाफ़ धारणा बनाने में।

मतलब ये की फ़िल्म देखी हो या नहीं बस बोल दो खराब है। कुछ वैसा ही जैसा लोगों के साथ होता है। इसका सबसे अच्छा उदाहरण है फ़िल्म मिली। अमिताभ बच्चन और जया भादुड़ी की फ़िल्म में पूरी सोसाइटी अमिताभ बच्चन की एक नेगेटिव इमेज बनाने की कोशिश करती है। इसमें सभी बढ़चढ़ कर हिस्सा लेते हैं लेकिन असल में अमिताभ बच्चन कैसे हैं ये सिर्फ मिली को उनसे मिलने के बाद पता चलता है।

कुछ वैसा ही हमारे साथ होता है और हम भी बाकी लोगों के साथ इस कर्मकांड में जाने अनजाने इसका हिस्सा बन जाते हैं। लेकिन अगर हम यही सोचते रहे तो अपना काम कैसे कर पायेंगे? हम अक्सर सही करने के बजाये वो कर बैठते हैं जिसको लोगों की सहमति प्राप्त हो।

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