इन दिनों मौसम बदला हुआ है। बदलते मौसम के अपने नखरे होते हैं और इस बार के नखरे उठाना बड़ा महंगा पड़ सकता है। तो मत उठाइये नखरे। मौसम ही तो है, गुज़र जायेगा। आप क्यूँ खामख्वाह परेशान हो रहे हैं। आपके पास कामों की एक लंबी फेहरिस्त है जिसे आप समय न होने का बहाना बनाकर टाल रहे थे। ये मान लीजिये आपको समय दिया गया है इन कामों को पूरा करने के लिये ताकि आप इस ब्रेक के बाद जो काम आयेंगे उनके लिये तैयार रहें।
अगर आप एक अच्छे मैनेजर हैं और ऐसा कुछ काम आपका बचा नहीं हुआ है तो आप को सलाम। आप वाकई तारीफ़ के काबिल हैं। आपने ये कैसे किया ये लोगों के साथ साझा करें। अगर आपको पता है किसी को आपके पास जो ज्ञान है उससे फायदा मिल सकता है तो उनके साथ बाँटें। अगर आपको किसी से कोई ज्ञान लेना है तो इससे बेहतर समय क्या हो सकता है?
आज जब पूरा हिन्दोस्तान अपने 24 घंटे घर पर कैसे काटे इसका जवाब ढूंढ रहा है, वहीं दूसरी और कई लोग हैं जिनकी दिनचर्या में कोई बदलाव नहीं हुआ है। आप वाकई में खुशकिस्मत हैं की आपको ऐसा मौका मिला है जिसमें आप स्वस्थ हैं, परिवार वालों के साथ है। अमूमन ऐसे ब्रेक बहुत कम मिलते हैं।
आप अगर इस बदलाव का हिस्सा हैं तो इस समय कुछ ऐसा कर गुज़रिये की मुड़ के देखने पर आप अपने आप को पहचान ही न पायें। टीवी, वेब सीरीज़, इंटरनेट पर कितना समय बर्बाद करेंगे? हम तो हमेशा से ही किसी भी काम को नहीं कर पाने का ठीकरा वक़्त के सर पर ही फोड़ते रहते हैं। आज वक़्त ने हमें वक़्त दिया है। ऐसा मौका फ़िर कहाँ मिलेगा?
मैं कोई भविष्यवक्ता तो हूँ नहीं लेकिन इतना ज़रूर कह सकता हूँ की आने वाले तीन महीनों में सब कुछ बदल जायेगा। और कुछ भी नहीं बदलेगा और। क्योंकि जो बदल गया होगा वो तो गुज़र चुका होगा।