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आर्या: भरोसा वही तोड़ते हैं जिन पर भरोसा किया जाता है

अगर आपने हॉटस्टार पर आर्या वेबसीरीज़ नहीं देखी है तो आप सुरक्षित हैं। अगर आप देख चुके हैं और आप ये पढ़ रहें हैं तो आप जानते हैं कि आप भी सुरक्षित हैं। कहानी है रईसों की लेक़िन ये इधर उधर \”मुँह नहीं मारते\”। सब घरवाले घरवाली के साथ ही मौज मस्ती करते हैं।

इस वेबसीरीज़ में सबसे उम्रदराज नानाजी और उनके नाती और बीच में बाकी सब – लगे रहते हैं। नानाजी को एक जवान फिजियो से मसाज मिलता रहता है या कहिये दोनो एक दूसरे को मसाज देते रहते हैं। नाती को पार्टी में मिली बारटेंडर से इलू इलू होता है। नातिन अपने फिरंग मौसाजी पर फिदा है। कुल मिलाकर बड़ा आशिक़ मिजाज़ परिवार है।

अब चूँकि रईस हैं तो गालियों का (हिंदी) वाली, बहुत कम इस्तेमाल है। अंग्रेज़ी वाला F तो हर दूसरे वाक्य में सुनने को मिलेगा। अब रईसों के दुख को हैंडल करने के तरीक़े भी अजीब ही हैं। पिता की मौत पर बेटा वापस घर आता है लेकिन कमरे के बजाये स्विमिंग पूल के पास पहुंच जाता है।

चलिये ठीक है। बहुत दुखी है। लेकिन ये क्या। चलते चलते अचानक वो तिरछा होकर पूल में गिर जाता है। चलते चलते होश न होना और पूल में चलते जाना तो देखा था, ये नई चीज़ देखने को मिली। डायरेक्टर साहब ने बहुत ही रिसर्च करके, इम्पैक्ट के लिये ये पूरा सीन लिखा होगा। वैसे पुत्तर को स्विमिंग से या पूल से बहुत प्यार है। वो ज़्यादा समय वहीं बिताता है और उनकी बारटेंडर दोस्त भी एकदम बिंदास होकर पूल में छलांग लगाने से पहले दोबारा नहीं सोचती। बाकी तो जो होता है वो होता है।

एक एपिसोड में सुष्मिता सेन को ख़बर मिलती है परिवार के सदस्य की मौत की। उस समय मैडम बढ़िया फैशन वाली पौशाक पहने रहती हैं (ये पूरी सीरीज़ में देखने को मिलेगा)। उनकी लुक पूरी सीरीज़ में परफ़ेक्ट है और बनाने वालों ने इसका भी तरीक़ा निकाल लिया। उनकी एक सहेली का ब्यूटी पार्लर है और वो वहाँ आती जाती रहती हैं।अभी दुखी सुष्मिता सेन पर वापस। अब वो रईस हैं तो दुःख अलग तरीके से दिखाना है। यूँ ऐसे ही आँसू बहाना बहुत ही मिडिल क्लास है। तो मैडम पूरे कपड़े बदल कर (नहीं ये सब दिखाया नहीं गया है) अपनी वर्जिश वाली ड्रेस पहन कर आती हैं। उसके बाद वो उल्टा लटकती हैं और तब उनके आँसू निकलते हैं।

वैसे सुष्मिता सेन का अभिनय देखकर आपके आँसू ज़रूर निकल सकते हैं। आप ये भी सोच सकते हैं क्यूँ उन्होंने ये सीरीज़ करी और क्यूँ लेखकगण एक सीधीसादी कहानी को संभाल नहीं पाये। एक घिसीपिटी कहानी को घिसापिटा ट्रीटमेंट ही ले डूबा। गाली और सीन की जगह इसमें दारू और सिगरेट को मिली है। सब जब मिलते हैं जाम टकराते रहते हैं, क्या बच्चे क्या बड़े और क्या बूढ़े।

इस सीरीज़ में नारकोटिक्स ऑफिसर समलैंगिक है लेक़िन ये बस कुछ मिनटों में रफा दफा कर दिया जाता है। और अगर इस दौरान आपको झपकी लग गयी हो तो आप इसको मिस कर देंगे। लेक़िन ये कहानी में कोई इतना बड़ा फेरबदल करनेवाला मुद्दा भी नहीं है तो आपने कुछ मिस नहीं किया।

मुझे ये सीरीज़ सुष्मिता सेन और राम माधवानी के लिये देखनी थी। प्रोमो देख कर उम्मीद सी जग गई थी। और हॉटस्टार की \”स्पेशल ऑप्स\” बहुत बढ़िया सीरीज़ थी। लेक़िन माधवानी और बाक़ी लोगों के बस की बात नहीं। समस्या ये है की इस शो का दूसरा भाग भी बनता दिख रहा है।

सुष्मिता सेन के घर में उनकी रसोई संभालने वाली महिला जो लगभग हर एपिसोड में रहीं, उनके बारे में कुछ ज़्यादा बताया नहीं गया। शायद पूरी सीरीज़ में तीन किरदार ही रहे जिसपर लेखकगण मेहरबान नहीं रहे। शायद ये तीनों रईस नहीं थे इसलिये?

ये सीरीज़ मुझे देखने का मौक़ा थोड़ी देर से मिला लेक़िन लगभग नौ घंटे ख़राब हो गए। अब ऐसी वेबसीरीज़ बन ही रही हैं, बनती ही रहेंगी। इनसे बचना मुश्किल ही नहीं, नामुमकिन है। तो क्या पूरी सीरीज़ में कुछभी अच्छा नहीं है? ज़रूर है। इस सीरीज़ में कई पुराने गाने, बिना बिगाड़े हुये इस्तेमाल हुये है। जैसे अमित कुमार का गाया हुआ बड़े अच्छे लगते हैं। और भी कई गाने हैं। लेकिन अगर आप गाने ही सुनना चाहते हैं तो टीवी बंद करके कहीं और सुन लीजिये। काहे को अपना कीमती समय बर्बाद कर रहे हैं।

सीरीज़ का एक डायलॉग इसको बनाने वालों पर बिल्कुल फिट बैठता है। \”भरोसा वही तोड़ते हैं जिनपे भरोसा होता है।\”

नोट: ये पूरी कहानी मैंने ट्वीट करी थी और अब उसको जोड़ कर यहाँ पेश कर रहा हूँ। जब ज़माना रीसाइक्लिंग का है तो मैंने भी कोशिश करली। अगर आपने ट्वीटर पर नहीं पढ़ी तो आपका नुकसान होने से बच गया।

https://youtu.be/ZYajW2ePmFQ

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