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आलस से बड़ा रोग नहीं

जब इसकी हैडलाइन लिख रहा था तो सोच रहा था देखो कौन लिख रहा है। इसकी सबसे बड़ी मिसाल ये ब्लॉग ही है। जब लिखना शुरू किया तो जोश ऐसा की पता नहीं क्या कर जायें। कुछ दिनों तक तो बरकरार रहा ठीक वैसे ही जैसे शादी के बाद का रोमांस। शुरू में तो लगता बस लैला मजनू के बाद ये नव विवाहित जोड़ा ही है। लेकिन समय के जाते जाते ये थोड़ा कम हो जाता है। बस इज़हार के तरीक़े बदल जाते हैं। मेरा ब्लॉग के प्रति प्यार दिखाने का एकमात्र तरीका यही है की में नियमित लिखूँ लेकिन ऐसा होता नहीं। फ़िर \’चाहने वालों\’ की प्रतिक्रिया के बाद थोड़ा सा फ़ोकस गया तो गया।

हर महीने की शुरुआत में ये प्रण लिया जाता है की इस बार ब्लॉग की बहार होगी। लेकिन ऐसा नहीं होता क्योंकि आलस कर जाते हैं। जैसे इस महीने की ये दूसरी पोस्ट है। मतलब वॉर देखने के बाद कुछ भी लिखने को नहीं बचा। वैसे अगर आपने फ़िल्म देखी हो तो सचमुच देखने के बाद कुछ नहीं बचता। हाँ ऋतिक रोशन की बॉडी देखने के बाद अपने को आईने में देखा तो बस यही डायलाग याद आया, \”रहने दो तुमसे न होने पायेगा\”।

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इस महीने के ख़त्म होते साल के आखिरी दो महीने बचेंगे। मतलब 2019 खत्म। लगता है जैसे अभी तो साल शुरू हुआ था। ये साल की शुरुआत की कुछ ख़ास याद नहीं सिवाय इसके की बहुत से फ़ोन और ईमेल का इंतज़ार रहा। अक्टूबर के आते आते या कहें जाते जाते एक बहुत बड़ा बदलाव हो गया है मेरे नज़रिये में। इसके बारे में आने वाले दिनों में आपसे साझा करूँगा।

जिस रोमांस के बारे में मैंने शुरुआत में ज़िक्र किया था वो रंग बिरंगी फ़िल्म में बहुत अच्छे से दिखाया गया है। हिंदी फिल्मों में रोमांस के नाम पर इन दिनों जो परोसा जा रहा है उससे मेरा तो मन भर गया है। नौजवानों का रोमांस तो इनके बस का है नही तो शादी शुदा जोड़े का रोमांस तो इन्हें समझ में नहीं आयेगा। लेकिन फ़िल्म रंगबिरंगी में अमोल पालेकर जी और परवीन बॉबी के बीच जो रोमांस है वो कमाल का है और शायद बहुत से जोड़ों की हकीकत। पति-पत्नी के बीच चल रही बातचीत ध्यान से सुने और अपने जीवन में रोमांस को भी बनाये रखें।

https://youtu.be/pRTfJB8_oDY?t=628

रही बात आलस की तो एक बार और लिखने की ठानी है। अब ये सिलसिला चलेगा और अधूरी कहानियां अपने अंजाम तक जायेंगी।

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