ये गाना चित्रहार की देन है। जिन्हें इस प्रोग्राम के बारे में नहीं पता – बरसों पहले दूरदर्शन पर बुधवार और शुक्रवार को ये कार्यक्रम आता था। मतलब आपके संगीत का हफ्ते का डोज़। फ़िर शुरू हुआ रविवार की रंगोली का सिलसिला जो अभी भी चालू है। वैसे तो चित्रहार अभी भी आता है लेकिन समय का पता नहीं।
चित्रहार में अक्सर ये गाना आता था। देखने में भी अच्छा लगता था और सुनने में भी। फ़िल्म देखी नहीं है। पिछले दिनों लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल जी के संगीत पर इंडियन आइडल देखा तो फ़िर से पुराने दिनों की याद ताज़ा हो गयी।
हमें गाने क्यों याद रहते हैं? ये क्या उसका संगीत है, किसने गाया है या उसके बोल या उसे कैसा फिल्माया गया है? आपको गाने कैसे याद रहते हैं?